23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराया और उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई। हालांकि, उन्हें 10,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी गई और उन्हें 30 दिन का समय दिया गया। अगले दिन, 24 मार्च को गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
कानून क्या कहता है
जनप्रतिनिधित्व कानून के अनुसार, कोई भी सांसद जिसे “किसी भी अपराध का दोषी ठहराया जाता है और कम से कम दो साल के कारावास की सजा सुनाई जाती है” अयोग्य घोषित कर दिया जाता है।
क्या राहुल गांधी 2024 का आम चुनाव लड़ सकते हैं?
यदि 2024 के चुनावों से पहले राहुल गांधी की दोषसिद्धि को उच्च न्यायालय द्वारा निलंबित या पलट नहीं दिया जाता है, तो वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। जनप्रतिनिधित्व कानून के अनुसार दो साल या उससे अधिक की कैद की सजा पाने वाले व्यक्ति को दोषी ठहराए जाने की तारीख से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है और समय पूरा करने के बाद वह छह साल के लिए अयोग्य हो जाता है।
अयोग्यता से कैसे बच सकते हैं राहुल गांधी
अयोग्यता से बचने के लिए, राहुल गांधी को दोषसिद्धि को निलंबित करने के लिए ऊपरी अदालत से आदेश प्राप्त करना होगा। यदि दोषसिद्धि पर रोक लगा दी जाती है या उसे पलट दिया जाता है, तो उसे संसद में बहाल किया जा सकता है, लेकिन केवल तभी जब सीट पर नए सिरे से चुनाव होना बाकी हो। इसके अतिरिक्त, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, सजा की मात्रा को दो साल से कम करने से अयोग्यता भी समाप्त हो जाएगी।
2013 से सांसद/विधायक अयोग्य
कई सांसदों/विधायकों को 2013 से उन मामलों में दोषी ठहराए जाने पर अयोग्य घोषित किया गया है, जिनमें उन्हें दो साल या उससे अधिक की जेल की सजा सुनाई गई थी। उल्लेखनीय नेताओं में लालू यादव, तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता, राज्यसभा सांसद रशीद मसूद, विधायक आजम खान और अब्दुल्ला आजम खान और लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैजल शामिल हैं।
कांग्रेस की अपील
कांग्रेस ने सूरत कोर्ट के आदेश के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करने की घोषणा की है। भविष्य की कार्रवाई और राहुल गांधी की अयोग्यता पर इसका प्रभाव अपील के परिणाम पर निर्भर करेगा।