2024 का लोकसभा चुनावों अब बस एक दूर है और भारतीय जनता पार्टी ( भाजपा ) मुस्लिम समुदाय को लुभाने के लिए “मोदी मित्रा” नामक एक विशेष आउटरीच कार्यक्रम की शुरुआत कर रही है. यह अभियान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास” दृष्टिकोण के अनुरूप है, 20 अप्रैल से शुरू होगा और फरवरी 2024 तक जारी रहेगा.
भाजपा के अल्पसंख्यक विभाग ने अगले साल फरवरी में पीएम मोदी के साथ “सामवद” की योजना बनाई है और 65 लोकसभा सीटों को चिन्हित किया है जहां मुस्लिम आबादी 30% से अधिक है, भाजपा ने इनमें से प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में विभिन्न आउटरीच कार्यक्रमों की योजना बनाई है. इन 65 सीटों में उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से 13, जम्मू और कश्मीर से पांच, बिहार से चार, केरल और असम से छह, मध्य प्रदेश से तीन, तेलंगाना और हरियाणा से दो, और महाराष्ट्र और लक्षद्वीप से एक सीट.
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जमाल सिद्दीकी ने कहा कि पार्टी मुस्लिम समुदाय से यह जानने की कोशिश करेगी कि सरकारी योजनाओं ने उन्हे कैसे लाभ मिला है, पार्टी के अनुसार हर चिन्हित लोकसभा सीट में कम से कम 5000-10,000 ऐसे लोग हैं. अभियान का उद्देश्य उन मुसलमानों को चिन्हित करना है जो किसी भी राजनीतिक दल से नहीं हैं और पीएम मोदी की योजनाओं से प्रभावित हैं. वे उनसे बात करेंगे और सुझाव लेंगे कि कैसे सरकारी योजनाओं ने उनकी मदद की और उनकी स्थिति में सुधार के लिए आगे क्या किया जा सकता है.
मुस्लिम समुदाय जो देश की आबादी का लगभग 14% हिस्सा हैं, उनके लिए सरकार द्वरा किए गए काम को दिखाने का उद्देश्य है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा सभी 65 लोकसभा सीटों में विभिन्न कार्यक्रम चलाएंगे, जो सोशल मीडिया, छोटे सेमिनार, विज्ञापन अभियान आदि के उपयोग के लिए डोर-टू-डोर अभियान से शुरू होंगे.
भाजपा की योजना को मुस्लिम समुदाय से डॉक्टर, इंजीनियर, सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, प्रोफेसर, आदि को “मोदी मित्रा” बनाना है, ताकि मोदी सरकार के संदेश और नीतियों को समुदाय के बीच बेहतर तरीके से पहुँचाया जा सके.
देश भर में कुल 543 लोकसभा सीटों में से 80 सीटों पर मुस्लिम आबादी 20% से अधिक है, जबकि 65 सीटों पर 30% से अधिक मुस्लिम हैं. 2019 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा ने 80 में से 58 सीटें जीतीं, जिसमें 20% से अधिक वोट प्रतिशत थे. हालांकि, 17वीं लोकसभा में केवल 27 मुस्लिम सांसद चुने गए. भाजपा के “मोदी मित्रा” अभियान का उद्देश्य इस अंतर को कम करना है और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले अधिक मुस्लिम मतदाताओं पर जीत हासिल करना है.